NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 6 दिए जल उठे प्रश्न और उत्तर

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 6 Diye jal uthe Class 9 Questions and Answers

प्रश्न 1. किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया?

उत्तर: दांडी कूच की तैयारी के सिलसिले में वल्लभभाई पटेल 7 मार्च को रास पहुंचे थे। लोगों के आग्रह पर उन्होंने वहां दो शब्द कहना स्वीकार किया। उन्होंने कहा ‘भाइयों और बहनों क्या आप सत्याग्रह के लिए तैयार हैं’। इसी बीच मजिस्ट्रेट ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और पटेल को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी स्थानीय कलेक्टर ‘शिलिडी’ के आदेश पर हुई थी। जिसे पटेल ने पिछले आंदोलन के समय अहमदाबाद से भगा दिया था।

प्रश्न 2. जज को पटेल की सजा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लग गया? स्पष्ट करें।

उत्तर: सरदार पटेल ने रास में भाषण देकर कोई अपराध नहीं किया था। उन्हें तो कलेक्टर ‘शिलिडी’ ने ईर्ष्या वश गिरफ्तार करवाया था। इसलिए उन्हें किस धारा के अंतर्गत सजा दें, यही सोच विचार करते हुए, उन्हें डेढ़ घंटे का समय लग गया।

प्रश्न 3. “मैं चलता हूं। अब आपकी बारी है।” – यहां पटेल के कथन का आशय उद्धृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: सरदार पटेल को निषेधाज्ञा उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जबकि निषेधाज्ञा उसी समय लागू की गई थी। क्योंकि लोगों को दांडी कुच के लिए प्रेरित करने का काम अभी अधूरा था और अंग्रेजी सरकार का शासन अभी खत्म नहीं हुआ था। जेल के अंदर से लोगो को जागृत करने का कार्यक्रम नहीं किया जा सकता था। इसलिए पटेल ने कार में बैठते हुए आश्रम वासियों और गांधी से कहा “मैं चलता हूं। अब आपकी बारी है।”

प्रश्न 4. “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखे” -गांधीजी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?

उत्तर: पटेल जी की गिरफ्तारी के बाद जब गांधी जी रास पहुंचे तो दरबार समुदाय के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया। दरबार लोग रियासत या इलाके के मालिक होते थे। ऐशो-आराम की जिंदगी थी, लेकिन वह सब कुछ छोड़ कर रास में आकर बस गए थे। गांधी जी ने यह कथन इन्हीं दरबारी लोगों के संदर्भ में कहा था।

प्रश्न 5. पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि – ‘कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तत्कालीन सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है।’ अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: सरदार वल्लभ भाई पटेल की गिरफ्तारी सत्याग्रह आंदोलन के लिए एक बड़ी चुनौती थी। परंतु गांधी जी ने स्वयं आंदोलन की कमान संभाली और आगे क्या करना है इस पर सबके साथ विचार करने लगे। अगर गांधी जी को भी गिरफ्तार कर लिया जाता तो अब्बास तैयबजी नेतृत्व के लिए तैयार थे। जब गांधी जी को कानपुर की सभा में जाना था तो वहां के गांव वासियों ने रहने के लिए झोपड़ी, तंबू, नाव और रात में प्रकाश के लिए दीयों का प्रबंध किया। यह सब परिस्थितियां बहुत ही चुनौतीपूर्ण थी, परंतु आपसी मेलजोल के कारण सारा काम चुटकियों में संपन्न हो गया।

प्रश्न 6. महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर: गांधीजी और सत्याग्रह यूको कानपुर पहुंचने में 2 घंटे से अधिक का समय लग गया। रात अधिक हो जाने के कारण उन्होंने महिसागर नदी के किनारे पर ही विश्राम करने का निर्णय लिया। रात बहुत काली थी, परंतु उनकी नाव और सत्याग्रहीओं को रास्ता दिखाने के लिए नदी के दोनों तटों में मेले जैसा दृश्य था, और लोग हाथों में दिए लेकर गांधी और वल्लभ भाई पटेल की जय जयकार कर रहे थे।

प्रश्न 7. “यह धर्म यात्रा है। चलकर पूरी करूंगा।” -गांधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुणों का परिचय प्राप्त होता है?

उत्तर: इस कथन द्वारा गांधीजी की दृढ़ आस्था, सच्ची निष्ठा और वास्तविक कर्तव्य भावना के दर्शन होते हैं। क्योंकि वह यह मानते थे की धर्म यात्रा हवाई जहाज, मोटर या बैलगाड़ी में बैठ कर नहीं करनी चाहिए। क्योंकि इससे लाभ नहीं मिलता। यात्रा में कष्ट सहे, लोगों का सुख-दुख समझे तभी सच्ची यात्रा होती है।

प्रश्न 8. गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे। फिर भी उन्हें किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?

उत्तर: अंग्रेज अधिकारी भी गांधी जी के चरित्र से भलीभांति परिचित थे। वे जानते थे कि गांधी छल या असत्य से कोई काम नहीं करेंगे। फिर भी कहीं नमक कानून ना तोड़ दें, इस डर से उन्होंने नदी के तट से सारे नमक के भंडार नष्ट करवा दिए।

प्रश्न 9. गांधीजी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?

उत्तर: गांधीजी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर इसलिए खड़े रहे क्योंकि रात घनी थी और दीयों के प्रकाश से गांधीजी और सत्याग्रहियों को रास्ता दिखाया जा रहा था।

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