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पाठ : 1 ईदगाह (सारांश) Class 11

पाठ : 1 ईदगाह (सारांश) Class 11

Chapter – 1 Idgah Class 11 Hindi (Antra) Summary

पाठ –1 ईदगाह: Summary

“ईदगाह ” पाठ मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखित कहानी है‚ जिसमें मुंशी प्रेमचंद जी ने एक ग्रामीण, मुस्लिम त्यौहार (ईद) को मनाने का उत्साह सभी के चेहरों से झलकता हुआ दिखाया है, जो अमीर है वह भी और जो गरीब व निम्न वर्ग के लोग हैं उनमें भीं। इस गांव में पूरे 30 दिन के रोजों के बाद ईद के त्योहार की खुशियां मनाई जा रही है। सभी के घरों में चहल-पहल है। सभी को ईदगाह जाने की बहुत जल्दी है इसलिए सभी अपना काम निपटा कर ईदगाह जाने के लिए तैयार हो रहे हैं। इनमें ईदगाह जाने के लिए सबसे खुश तो बच्चे हैं‚ क्योंकि उन्हें पूरा मेला जो घूमना है। यही एक छोटा लड़का हामिद जो कि केवल 5- 6 साल का है‚ जो अपनी दादी के साथ अकेला रहता है‚ क्योंकि बचपन में ही उसके मम्मी पापा उसे छोड़कर चल बसे थे।

हामिद के पिता की मृत्यु हैजा बीमारी के कारण हुई थी‚ लेकिन हामिद को यह नहीं बताया गया है‚ उसे अब भी यही लगता है कि उसके पिता आएंगे व अपने साथ ढेरों खिलौने व नई-नई चीजें भी लाएंगे। उसकी दादी अमीना घर की स्थिति को भली-भांति जानती थी। और उसे इस बात कि फिक्र है कि इतने कम पैसों में वह ईद का त्योहार कैसे मनाएगी। लेकिन फिर भी वह हामिद को 3 पैसे देकर मेले में जाने को बोलती है। गांव के सभी बड़े‚ बूढ़े‚ और बच्चे ईदगाह पहुंचते हैं व ईद की नमाज़ पढ़ने के बाद एक-दूसरे के गले मिलते हैं। और वहां बच्चों की टोली मेला घूमना शुरू कर देती है‚ सबके मुंह खिलौनों को देखकर खुले के खुले रह जाते हैं और आंखों की चमक तो जैसे उन्हें उनसे दूर रख ही नहीं सकती।

सभी बच्चे तरह-तरह की मिठाइयां और खिलौने खरीदते हैं। लेकिन हामिद के पास केवल 3 ही पैसे होने के कारण वह सब चीजों में कोई ना कोई कमी बतला कर अपने दिल को समझाता हुआ आगे बढ़ता जा रहा है। बहुत चलने के बाद आखिर में उसे आगे एक बढ़िया चीज़ दिखाई देती है‚ जिसे देखकर वह बहुत खुश हो जाता है‚ जो कि चिमटा होता है। तब वह अपनी दादी ‘अमीना’ के लिए एक चिमटा खरीद लेता है‚ जिसे देखकर बाकी बच्चे हामिद का मजाक बनाते हैं। लेकिन हामिद तो उन्हें करारा जवाब देकर उनका मुंह बंद कर देता है। अब 11:00 बजे सभी लोग ईदगाह से घर पहुंचते हैं तथा हामिद के घर पहुंचते ही‚ अमीना उसके हाथ में चिमटा देख बहुत डांटती है‚ लेकिन हामिद के चिमटा लाने का कारण सुनते ही अमीना की आंखें खुशी से भर आती है। वह चिमटा तवे पर रोटी सेकने से दादी की उंगलियों का जलना बताता है। हामिद का उसके लिए प्यार और अपनी इच्छाओं का त्याग देखकर बहुत प्रसन्न एवं भावुक हो उठती है और स्वयं बच्चों के तरह रोती है तथा हामिद को दुआएं देने लगती है।

लेखक परिचय
लेखक का नाम : मुंशी प्रेमचंद
जन्म-मृत्यु : 1830 – 1936 तक
जन्म स्थान : लमही , वाराणसी
शिक्षा : वाराणसी
रचनाएं : प्रेमचंद जी ने अन्यास से अधिक नाटक , अनुवाद , बाल पुस्तकें , कहानियां व हजारों पृष्ठों के लेख , संपादाकीय , भाषण , पत्र, तथा भूमिका आदि की रचना की।

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