यह कहानी एक बच्चे और उसके परिवार की है। इस कहानी में जब पतझड़ का त्यौहार मनाया जा रहा था, गांव में एक भव्य मेले का आयोजन किया गया। वह बच्चा अपने पूरे परिवार के साथ मेला घूमने गया। मेले में घूमते समय छोटा सा बच्चा मेले के अंदर हर चीजों को देखकर उनकी और आकर्षित हो रहा था। जैसे बर्फी को देखकर, रंगबिरंगे बैलून देखकर, स्नेक चार्मर का म्यूजिक सुनकर, तरह-तरह के रंगबिरंगे फूलों को देखकर। इसलिए जब वह पीछे रह जाता तो उसके पिता उसे साथ चलने के लिए कहते।
वह एक खिलौना चाहता था परंतु उसके माता-पिता इसे खरीद नहीं सकते थे। इसलिए जब भी वह अपने माता-पिता से उन चीजों को खरीदने के लिए कहता तो उसके माता-पिता एक नया कारण बताकर उसको टाल देते। इसलिए जब उसने स्नेक चार्मर का म्यूजिक सुनाओ तो उसने अपने माता-पिता की बिना अनुमति लिए ही सपेरे को देखने उसके पास चला गया। क्योंकि उसको पता था फिर उसके माता-पिता कोई बहाना लगाकर उसे टाल देंगे। और जब वह स्नेक चरमर के पास चला गया तो थोड़ी देर बाद उसको यह पता चला कि उसके माता-पिता उसके आसपास नहीं है।
जब उसे पता चला कि उसके माता-पिता उसके आसपास नहीं है तो वह पहले तो थोड़ा सा उन्हें ढूंढने लगा और उसके बाद जोर-जोर से रोने लगा। फिर एक आदमी ने उसे रोते हुए देखा तो, तो उसको बहुत सारी चीजें देनी चाहिए क्योंकि उसे लगा कि उसे उनमें से कोई वस्तु पसंद होगी जैसे बर्फी, बैलून पर उस बच्चे ने कहा ‘आई वांट माई मदर एंड आई वांट माई फादार’।
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