समकालीन विश्व में लोकतंत्र Social Science Civics in Hindi Medium NCERT Solution for Class 9

समकालीन विश्व में लोकतंत्र-प्रश्न उत्तर Class 9

प्रश्न 1. इनमें से किससे लोकतंत्र के विस्तार में मदद नहीं मिली?
(क) लोगों का संघर्ष
(ख) विदेशी शासन द्वारा आक्रमण
(ग) उपनिवेशवाद का अंत
(घ) लोगों की स्वतंत्रता की चाह

उत्तर. (ख) विदेशी सेना द्वारा आक्रमण

प्रश्न 2. आज की दुनिया के बाटे इनमें से कौन-सा कथन सही है?
(क) राजशाही शासन की वह पद्धति है जो अब
समाप्त हो गई है।
(ख) विभिन्न देशों के बीच सम्बन्ध पहले के कि
वक्त से अब कहीं ज्यादा लोकतांत्रिक है।
(ग) आज पहले के किसी दौट से ज्यादा देशों में
शासकों का चुनाव लोगों के द्वारा होता है।
(घ) आज दुनिया में सैनिक तानाशाही नहीं रह गए हैं।

उत्तर. (ग) आज पहले के किसी डेट से ज्यादा देशों में शासकों का चुनाव लोगों के द्वारा होता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यांशों में से किसी एक का चुनाव करके इस वाक्य को पूरा कीजिए। अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में लोकतंत्र की जरूरत है ताकि:
(क) अमीर देशों की बातों का ज्यादा वजन हो।
(ख) विभिन्न देशों की बात का वजन उनकी सैन्य उक्ति के अनुपात में हो।
(ग) देशों को उनकी आबादी के अनुपात में सम्मान मिले।
(घ) दुनिया के सभी देशों के साथ सामान व्यवहार हो।

उत्तर. (घ) दुनिया के सभी देशों के साथ सामान व्यवहार हो।

प्रश्न4. इन देशों और लोकतंत्र की उनकी राह में मेल बैठाएँ:

देश लोकतंत्र की ओर
(क)चिले1. ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से
आजादी
(ख)नेपाल2. सैनिक तानाशाही की समाप्ति
(ग)पोलैंड3.एक दल के आसन का अंत
(घ)घाना4. राजा ने अपने अधिकार छोड़ने
पर सहमति दी

उत्तर:

देश लोकतंत्र की ओर
(क)चिले2. सैनिक तानाशाही की समाप्ति
(ख)नेपाल4. राजा ने अपने अधिकार छोड़ने
पर सहमति दी
(ग)पोलैंड3. एक दल के शासन का अंत
(घ)घाना1. ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से
आजादी

प्रश्न 5. गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोगों को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है? इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के आधार पर इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।

उत्तर: (i) गैर लोकतांत्रिक देशों में लोगों को मूल अधिकार और स्वतंत्रता प्राप्त नहीं होती।
(ii) लोग अपने शासकों का चुनाव नहीं कर सकते और न ही उन्हें बदल सकते हैं।
(iii) लोगों को अपने विचार प्रकट करने, राजनीतिक
संगठनों का निर्माण करने, विरोध करने तथा
राजनीतिक कार्यवाही करने की स्वतंत्रता प्राप्त
नहीं होती।
(iv) उन्हें व्यापारिक संघ बनाने तथा
हड़ताल करने के अधिकार प्राप्त नहीं होती।

प्रश्न 6. जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः कौन-सी स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती हैं?

उत्तर: जब एक लोकतांत्रिक सरकार का सेना द्वारा तख्तापलट किया जाता है तो लोगों की निम्नलिखित स्वतंत्रता प्राय: छीन ली जाती है
(i) सेना जो भी करना चाहे कर सकती है और कोई उनको पूछ अथवा रोक नहीं सकता।
(ii) सरकार उन लोगों पर अत्याचार करती है जिन्होंने पहली सरकार का तख्ता पलटने में उनका विरोध किया था।
(iii) लोगों की भाषण देने तथा विचार प्रकट करने की स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती हैं।
(iv) राजनीतिक संगठन बनाने की स्वतंत्रता छीन ली जाती है।
(v) सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने की स्वतंत्रता छीन ली जाती है।

प्रश्न 7. वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र बढ़ाने में इनमें से किन बातों से मदद मिलेगी? प्रत्येक मामले में अपने जवाब के पक्ष में तर्क दीजिए।
(क) मेरा देश अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं को ज्यादा पैसे देता है इसलिए मैं चाहता हूँ कि मेरे साथ ज्यादा सम्मानजनक व्यवहार हो और मुझे ज्यादा अधिकार मिलें।
(ख) मेरा देश छोटा या गरीब हो सकता है लेकिन
मेरी आवाज को समान आदर के साथ सुना जाना चाहिए क्योंकि इन फैसलों का मेरे देश पर भी असर होगा।
(ग) अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अमीर देशों की ज्यादा
चलनी चाहिए। गरीब देशों की संख्या ज्यादा है, सिर्फ इसके चलते अमीर देश अपने हितों का नुकसान नहीं होने दे सकते।
(घ) भारत जैसे बड़े देशों की आवाज का
अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में ज्यादा वजन होना ही
चाहिए।

उत्तर- (क) नहीं इससे लोकतंत्र को बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी क्योंकि एक देश दूसरे देश से ज्यादा धनवान हो सकता है और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को ज्यादा पैसा दे सकता है लेकिन लोकतंत्र की परिभाषा के अनुसार प्रत्येक राष्ट्र को बराबर अधिकार प्राप्त होने चाहिए।
(ख) हां यह मामला वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ाने में मदद करेगा क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार और सुविधाएं प्राप्त होती है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा लिए गए निर्णय का असर विश्व के सभी देशों पर पड़ता है।
(ग) यह वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ाने में मदद नहीं करेगा क्योंकि लोकतंत्र में सभी का महत्व बराबर होता है। अमीर या गरीब दोनों को बराबर नजर से देखा जाता है।
(घ) नहीं यह भी लोकतंत्र को बनाने में मदद नहीं करेगा क्योंकि जनसंख्या के आधार पर किसी की बात को नहीं मापा जा सकता।

प्रश्न 8. नेपाल के संकट पर हुई एक टीवी चर्चा में व्यक्त किए गए तीन विचार कुछ इस प्रकार के थे इनमें से आप किसे सही मानते हैं और क्यों?
कविता 1: भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए
राजशाही के खिलाफ और लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले नेपाली लोगों के समर्थन में भारत सरकार को ज्यादा दखल देना चाहिए।
वक्ता 2 : यह एक खतरनाक तर्क है। हम उस स्थिति में पहुँच जाएँगे जहाँ इराक के मामले में अमेरिका पहुंचा है। किसी भी बाहरी शक्ति के सहारे लोकतंत्र नहीं आ सकता।
वक्ता 3 : लेकिन हमें किसी देश के आंतरिक मामलों की चिंता ही क्यों करनी चाहिए? हमें वहाँ अपने व्यावसायिक हितों की चिंता करनी चाहिए लोकतंत्र की नहीं।

उत्तर: हम वक्ता-2 के साथ सहमत हैं। भारत के नेपाल के मामले में दखल देने से वही स्थिति उत्पन्न हो जाएगी जो संयुक्त राज्य अमेरिका की इराक में है। यह बात बिल्कुल सच है कि जब तक किसी देश के लोग स्वय देश में लोकतंत्र की स्थापना नहीं चाहते हैं और उसके लिए संघर्ष न करते हों, तब तक कोई भी बाहरी शक्ति उस देश में लोकतंत्र की स्थापना को प्रोत्साहन नहीं दे सकती। अतः किसी अन्य देश द्वारा किसी भी देश में लोकतंत्र को थोपा नहीं जा सकता।

प्रश्न 9. एक काल्पनिक देश आनंदलोक में लोग विदेशी शासन को समाप्त करके पुराने राजपरिवार को सत्ता सौंपते हैं। वे कहते हैं, ‘आखिर जब विदेशियों ने हमारे पर राज करना शुरू किया तब इन्हीं के पूर्वज हमारे राजा थे। यह अच्छा है कि हमारा एक मजबूत शासक है जो हमें अमीर और ताकतवर बनने में मदद कर सकता है। जब किसी ने लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था की बात की तो वहाँ के सयाने लोगों ने कहा कि यह तो एक विदेशी विचार है। हमारी लड़ाई विदेशियों और उनके विचारों को देश से खदेड़ने की थी। जब किसी ने मीडिया की आजादी की माँग की तो बड़े-बुजुर्गों ने कहा कि शासन की ज्यादा आलोचना करने से नुकसान होगा और इससे अपने जीवन स्तर को सुधारने में कोई मदद नहीं मिलेगी।’ “आखिर महाराज दयावान हैं और अपनी पूरी प्रजा के कल्याण में बहुत दिलचस्पी लेते हैं। उनके लिए मुश्किलें क्यों पैदा की जाएँ? क्या हम सभी खुशहाल नहीं होना चाहते?”

उपरोक्त उद्धरण को पढ़ने के बाद चमन, चंपा और चंदू ने कुछ इस तरह के निष्कर्ष निकाले:
अमन आनंद को एक लोकतांत्रिक देश है क्योंकि लोगों ने विदेशी शासकों को उखाड़ फेंका और राजा का शासन बहाल किया।
चंपा : आनंदलोक लोकतांत्रिक देश नहीं है क्योंकि लोग अपने शासन की आलोचना नहीं कर सकते। राजा अच्छा हो सकता और आर्थिक समृद्धि भी ला सकता है लेकिन राजा लोकतांत्रिक शासन नहीं ला सकता।
चंदू : लोगों को खुशहाली चाहिए इसलिए वे अपने शासन को अपनी तरफ से फैसले लेने देना चाहते हैं। अगर लोग खुश हैं तो वहाँ का शासन लोकतांत्रिक ही है। इन तीनों कथनों के बारे में आपकी क्या राय है? इस देश में सरकार के स्वरूप के बारे में आपकी क्या राय है?

उत्तर- (i) यद्यपि आनंदलोक के लोग विदेशी शासन को समाप्त करने में सफल हो गए. परंतु फिर भी उस देश को सच्चा लोकतांत्रिक देश नहीं कहा जा
सकता, जब तक वहाँ का सम्राट एक संवैधानिक राजा के रूप में कार्य नहीं
करता।
(ii) चंपा का यह कहना ठीक नहीं है कि राजा लोकतांत्रिक शासन नहीं ला सकता। ग्रेट ब्रिटेन इस बात का स्पष्ट उदाहरण है।
(iii) किसी देश में जनता का खुशहाल होना उस देश की सरकार के स्वरूप पर निर्भर नहीं करता। प्राचीन युग में अशोक तथा चंद्रगुप्त द्वितीय जैसे सम्राट हुए जिनके राज में जनता बहुत खुश तथा सुखी थी परतु उनके शासन को लोकतंत्र नहीं कहा जा सकता क्योंकि उन राजाओं का चुनाव जनता द्वारा नहीं किया गया था।

More Articles

संविधान निर्माण

3 thoughts on “समकालीन विश्व में लोकतंत्र Social Science Civics in Hindi Medium NCERT Solution for Class 9”

Leave a Reply