NCERT Solutions for Class 9 Science in Hindi Medium Chapter 12 खाद्य संसाधनों में सुधार प्रश्न और उत्तर

NCERT Solutions for Class 9 Science Hindi Chapter 12 – Khadya Sansadhan Mein Sudhar in Hindi Medium

NCERT Solutions for Class 9 Science in Hindi Medium Chapter 12 khadya sansadhan mein sudhar Questions and Answers

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प्रश्न1. अनाज, दाल, फल तथा सब्जियों से हमें क्या प्राप्त होता है?

उत्तर: अनाज जैसे : गेहूं, चावल, बाजरा आदि से हमें कार्बोहाइड्रेट प्राप्त होते हैं।

दालें जैसे : उड़द, मटर, मूंग आदि से हमें प्रोटीन प्राप्त होती है।

फल और सब्जियों से हमें विटामिन और खनिज लवण तथा कुछ मात्रा में प्रोटीन, वसा तथा कार्बोहाइड्रेट भी प्राप्त होते हैं।

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प्रश्न1. जैविक तथा अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं ?

उत्तर: जैविक (रोग कीट तथा निमेटोड) कारक फसलों के बीजों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जिससे की फसल की पैदावार कम होगी।

तथा अजैविक (सूखा, ठंड, गर्मी, पाला आदि) भी पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे फसल ज्यादा नहीं हो पाती।

प्रश्न2. फसल सुधार के लिए ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण क्या हैं?

उत्तर: चारे वाली फसलों के लिए लंबी और सघन शाखाएं ऐच्छिक गुण है क्योंकि उनसे भूसा अधिक निर्मित होगा।

लेकिन अनाज प्राप्त करने के लिए पौधों का लंबा होना जरूरी नहीं। इसलिए वहां छोटे लेकिन अधिक बीज पैदा करने वाले पौधों की आवश्यकता होगी।

साथ ही ऐसी पौधों की भी आवश्यकता है जो जल्दी खराब ना होते अर्थात दिन में बीमारियां कम लगती हो।

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प्रश्न1. वृहत् पोषक क्या हैं और इन्हें वृहत्-पोषक क्यों कहते हैं?

उत्तर: वृहत पोषक वे 16 पोषक तत्व होते हैं जो पौधों के विकास और वृद्धि के लिए भारी मात्रा में आवश्यक होते हैं। जैसे: हवा से कार्बन तथा ऑक्सीजन, पानी से हाइड्रोजन और शेष 13 मिट्टी से प्राप्त होते है।

पौधों को 6 पोषक तत्त्व- नाइट्रोजन, फोसफोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम, और सल्फर अधिक मात्रा में आवश्यक होते हैं जिन्हें वृहत पोषक कहते हैं।

प्रश्न2. पौधे अपना पोषक कैसे प्राप्त करते हैं?

उत्तर: पौधे अपना पोषक पदार्थ हवा, पानी तथा मिट्टी से प्राप्त करते हैं।

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प्रश्न1. मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए खाद तथा उर्वरक के उपयोग की तुलना कीजिए।

उत्तर: खाद: १. खाद से कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा मिट्टी की संरचना में सुधार करती है।

२. खाद मिट्टी को को पोषकों तथा कार्बनिक पदार्थों से परिपूर्ण करती है।

उर्वरता: १. उर्वरक का स्तत प्रयोग मिट्टी की उर्वरता को घटाता है।

२. इसके उपयोग से सूक्ष्मजीवों एवं भूमिका जीवो का जीवन चक्र अवरुद्ध हो जाता है।

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प्रश्न1. निम्नलिखित में से कौन-सी परिस्थिति में सबसे अधिक लाभ होगा? क्यों ? 

(a) किसान उच्च कोटि के बीज का उपयोग करें, सिंचाई ना करें अथवा उर्वरक का उपयोग ना करें। 

(b) किसान सामान्य बीजों का उपयोग करें, सिंचाई करें तथा उर्वरक का उपयोग करें।

(c) किसान अच्छी किस्म के बीज का प्रयोग करें, सिंचाई करें, उर्वरक का उपयोग करें तथा फसल सुरक्षा की विधियाँ अपनाएँ।

उत्तर: (c) किसान अच्छी किस्म के बीज का प्रयोग करें, सिंचाई करें, उर्वरक का उपयोग करें तथा फसल सुरक्षा की विधियाँ अपनाएँ।

क्योंकि जब किसान अच्छे किस्म के बीजों का प्रयोग करेगा, फसल को समय पर पानी देगा और उर्वरक का प्रयोग करेगा। तो फसल की सुरक्षा और उत्पादन में वृद्धि होगी।

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प्रश्न1. फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ तथा जैव नियंत्रण क्यों अच्छा समझा जाता है?

उत्तर: क्योंकि इन विधियों को अपनाना सरल है और इन विधियों से पीड़क मर जाते हैं।

प्रश्न2. भंडारण की प्रक्रिया में कौन-से कारक अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी हैं?

उत्तर: भंडारण की प्रक्रिया में अनाज की हानि के लिए दो कारक उत्तरदाई हैं:

१. जैविक: कवक, कीट, जीवाणु आदि।

२. अजैविक: नमी, ताप आदि।

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प्रश्न1. पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्रायः कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है और क्यों?

उत्तर: पशु की नस्ल सुधार के लिए संकरण विधि का प्रयोग किया जाता है।

क्योंकि इससे उत्पन्न संतति में सारे अच्छे गुण होते हैं जो हमें चाहिए।

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प्रश्न1. निम्नलिखित कथन की विवेचना कीजिए- “यह रुचिकर है कि भारत में कुक्कुट, अल्प रेशे के खाद्य पदार्थों को उच्च पोषकता वाले पशु प्रोटीन आहार में परिवर्तन करने के लिए सबसे अधिक सक्षम है। अल्प रेशे के खाद्य पदार्थ मनुष्यों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं।”

उत्तर: कुक्कुट और ब्रौलर आहार में हमें प्रोटीन, वसा तथा विटामिन प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। मुर्गी पालन से हमें अंडे और मास मिलता है। इसलिए भारत कुक्कुट, अल्प रेशे के खाद्य पदार्थों को उच्च पोषकता वाले पशु प्रोटीन आहार में परिवर्तन करने में सबसे अधिक सक्षम है। अल्प रेशे के खाद्य पदार्थ मनुष्यों के लिए इसलिए उपयुक्त नहीं होते क्योंकि उनमें पौष्टिकता बहुत ही कम मात्रा में होती हैं। इसलिए कुक्कुट को आहार में मोटा चारा दिया जाता है और अंडे और मांस के रूप में अधिक पौष्टिक खाद्य पदार्थ हमें प्राप्त होते हैं।

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प्रश्न1. पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के प्रबंधन प्रणाली में क्या समानता है?

उत्तर: पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के प्रबंधन प्रणाली में निम्नलिखित समानता है:

१. दोनों से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए कुछ प्रबंधन प्रणालीया बहुत आवश्यक है।

२. इनके आवास में उचित ताप तथा स्वच्छता का रखना अति आवश्यक है।

३. आहार अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए।

४. इनका रोगों के साथ-साथ पीड़ाको से बचा भी शामिल है।

प्रश्न2. ब्रौलर तथा अंडे देने वाली लेयर में क्या अंतर है। इनके प्रबंधन के अंतर को भी स्पष्ट करें।

उत्तर: अंडे देने वाली मुर्गियों को लेयर्स कहा जाता है।

जबकि ब्रौलर मांस के लिए होते हैं। ब्रौलर के आहार में प्रोटीन, वसा, विटामिन K तथा विटामिन A प्रचुर मात्रा में होती है।

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प्रश्न1. मछलियां कैसे प्राप्त करते हैं?

उत्तर: मछलियां दो प्रकार से प्राप्त की जाती है:

१. प्राकृतिक स्त्रोत जैसे: नदियों अथवा समुद्र से मछलियों को पकड़ना।

२. मछली पालन: स्वयं मछली पालना।

प्रश्न2. मिश्रित मछली संवर्धन के क्या लाभ है?

उत्तर: भिन्न-भिन्न मछलियां जल की अलग सतह पर रहती है जैसे कुछ मछलियां सतह पर, कुछ मध्य में तथा कुछ तल में रहती है। जिसके कारण उनमें आपस में स्पर्धा नहीं होती और एक ही तालाब में ज्यादा मछलियां पाल सकते हैं।

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प्रश्र1. मधु उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में कौन से ऐच्छिक गुण होने चाहिए?

उत्तर: मधु उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में निम्नलिखित ऐच्छिक गुण होने चाहिए:

१. बहुत डंक कम मारे।

२. मधु ज्यादा उत्पन्न करती हो।

३. और प्रजनन तीव्रता से करती हो।

प्रश्न2. चारागाह क्या है और यह मधु उत्पादन से कैसे संबंधित है?

उत्तर: मधु एकत्र करने के लिए उपलब्ध फूलों वाली जगह को चारागाह का कहते हैं।

मधुमक्खियां शहद फूलों के मकरंद से बनाते हैं। इस मकरंद की गुणवत्ता ही शहर की गुणवत्ता निर्धारित करती है। 

अभ्यास 

प्रश्र1. फसल उत्पादन की एक विधि का वर्णन करो जिससे अधिक पैदावार प्राप्त हो सके।

उत्तर: अंतराफसलीकरण: इस विधि में दो या दो से अधिक फसलों को एक ही खेत में अधिक पैदावार के लिए उगाया जाता है।

इस विधि में पौधों द्वारा जल, वायु, प्रकाश और पोषक तत्वों का अधिकतम उपयोग होता है। जिस कारण से प्रति हेक्टेयर में ज्यादा फसल प्राप्त होती है।

प्रश्न2. खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग क्यों करते हैं?

उत्तर: खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग आवश्यक तत्वों की पूर्ति के लिए किया जाता है। खाद में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण मिट्टी पानी को धारण कर पाती है। इस प्रकार खाद मिट्टी की उर्वरता को बनाती है।

उर्वरक नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम का अच्छा स्रोत है। जो पौधों की का एक वृद्धि जैसे: फूल पत्तियां और शाखाओं में मददगार होती है। स्वस्थ पौधों की प्राप्ति के लिए भी उर्वरक का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न3. अंतराफसलीकरण तथा फसल चक्र के क्या लाभ हैं?

उत्तर: अंतराफसलीकरण तथा फसल चक्र दोनो सीमित भूमि में अधिक फसल उत्पन्न करने में मददगार हैं। अंतराफसलीकरण विधि पीड़ाको को एक प्रकार की फसल के सभी पौधों में फैलने से रोकता है।

जबकि फसल चक्र मृदा अपरदन को कम करता है। यह खरपतवार के नियंत्रण में भी मदद करता है। फसल चक्र की मदद से वर्ष में दो अथवा तीन फसलों से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न4. आनुवंशिक फेरबदल क्या हैं? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी हैं?

उत्तर: आनुवंशिक फेरबदल : आनुवंशिक फेरबदल वह प्रक्रिया है जिसमें ऐच्छिक गुणों वाले जीन को एक कोशिका के गुणसूत्र में डाला जाता है। जिससे कि हमें वह अच्छी गुण उस कोशिका में भी प्राप्त हो जाते हैं।

यह कृषि प्रणालियों में कैसे उपयोगी है:
१. फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में।
२. फसलों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए।
३. परिपक्व अवधि को कम करने में।

प्रश्न5. भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि कैसे होती है?

उत्तर: भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि के लिए जिम्मेदार कारक:
१. जैविक : जीवाणु, कीट, कवक आदि।
२. अजैविक : नमी व ताप आदि।

यह कारक फसल उत्पादन की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं और अंकुरण करने की क्षमता को भी कम कर देते हैं। जिससे उत्पाद की कीमत में कमी आती है और किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है।

प्रश्न6. किसानों के लिए पशु पालन प्रणालियाँ कैसे लाभदायक हैं?

उत्तर: किसानों के लिए पशु पालन प्रणालियाँ निम्नलिखित रूप से लाभदायक है:
१. दूध तथा कृषि कार्यों के लिए पशुओं।
२. बेहतर नस्ल पैदा करने के लिए।
३. सामान ढोने के लिए।

प्रश्न7. पशुपालन के क्या लाभ हैं?

उत्तर: पशुपालन के निम्नलिखित लाभ हैं:
१. पशु से हमें दूध प्राप्त होता है।
२. यह हमारी कृषि आदि कार्यों में भी बहुत मदद करते हैं।

प्रश्न8. उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में क्या समानताएं हैं?

उत्तर: उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में निमिनलिखित समानताएं हैं:
१. उचित प्रबंधन तकनीक का उपयोग।
२. फार्मो की नियमित साफ-सफाई।
३. उचित तापमान तथा रोगों से उपचार।

प्रश्न9. प्रग्रहण मत्सयन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में क्या अंतर है?

उत्तर: प्रग्रहण मत्सयन : प्राकृतिक स्त्रोतों से मछली पकड़ने की विधि को प्रग्रहण मत्सयन कहते हैं।

मेरीकल्चर : व्यवसायिक फायदे के लिए समुद्री मछलियों को पकड़ना मेरीकल्चर कहलाता है।

जल संवर्धन : आर्थिक मूल्यों के लिए जली जीवो का उत्पादन जल संवर्धन में आता हैं।

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