“NCERT Solutions for Class 9 Science Hindi Medium Chapter 5 Jivan ki Maulik Ikai
NCERT Solutions for Class 9 Science in Hindi Medium Chapter-5 Jivan ki Maulik ikai Questions and Answers
The Fundamental unit of life Questions and Answers in Hindi
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प्रश्न1. कोशिका की खोज किसने की और कैसे की?
उत्तर: कोशिका की खोज ‘रॉबर्ट हुक’ ने की थी। उन्होंने कोशिका को कॉर्क की पतली काट को स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा और उसमें दिख रहे प्रकोष्ठकों को ‘कोशिका’ का नाम दिया।
प्रश्न2. कोशिका को जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं?
उत्तर: कोशिका जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है। क्योंकि यह विभाजित होकर अपनी ही जैसी अनेक कोशिकाएं बनाती है। जिससे जीवो के शरीर का निर्माण होता है। इसलिए कोशिका को जीवन की संरचनात्मक इकाई कहा जाता है।
प्रत्येक जीवित कोशिका में कुछ मूलभूत कार्य करने की क्षमता होती है। शरीर के विभिन्न अंग जो इन्हीं जीवित कोशिकाओं से बने होते हैं विभिन्न कार्य करते हैं। अतः कोशिका को जीवन की क्रियात्मक इकाई भी कहा जाता है।
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प्रश्न1. CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका से कैसे अंदर तथा बाहर जाते हैं? इस पर चर्चा करें।
उत्तर: CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका झिल्ली के आर-पार विसरण प्रक्रिया द्वारा आ जा सकते हैं। जब CO2 की सांद्रता कोशिका में बढ़ जाती है तो उच्च सांद्रता से निम्न सांद्रता की ओर विसरण द्वारा CO2 बाहर निकल जाती है।
प्रश्न2. प्लैज़्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं?
उत्तर: प्लैज्मा झिल्ली कोशिका के घटकों को बाह्य पर्यावरण से अलग करती है। प्लैज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अधिक सांद्रता से कम सांद्रता की ओर आने जाने देती है और यह अन्य पदार्थों की गति को भी रोकती है। इसलिए कोशिका झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।
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प्रश्न1. क्या अब आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं, जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा यूकैरियोटी कोशिकाओं में अंतर स्पष्ट हो सके:
प्रोकैरियोटी कोशिका | यूकैरियोटी कोशिका |
1. आकार प्रायः छोटा (1 – 10 μm), 1μm = 10-6m | 1. आकार प्रायः बड़ा (5 – 100μm ) |
2. केंद्रकीय क्षेत्र : ………. और उसे ……… कहते हैं। | 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है। |
3. क्रोमोसोम: एक | 3. क्रोमोसोमः एक से अधिक |
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित | 4. …………………………….. |
उत्तर:
1. आकार प्रायः छोटा (1 – 10 μm), 1μm = 10-6m | 1. आकार प्रायः बड़ा (5 – 100 μm) |
2. केंद्रकीय क्षेत्र : केंद्रकीय क्षेत्र बहुत कम स्पष्ट होता है। अस्पष्ट केंद्र क्षेत्र में केवल कॉमेडी इन पदार्थ होता है और उसे केंद्र – काय कहते हैं। | 2. केंद्रकीय क्षेत्र : सुस्पष्ट जो चारों ओर से केंद्रकीय झिल्ली से घिरा रहता है। |
3. क्रोमोसोम: एक | 3. क्रोमोसोमः एक से अधिक |
4. झिल्ली युक्त कोशिका अंगक अनुपस्थित | 4. झिल्लीयुक्त कोशिका अंगक उपस्थित होते हैं। |
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प्रश्न1. क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं। जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है?
उत्तर: माइटोकॉन्ड्रिया तथा अन्तर्द्रव्यीय जालिका।
प्रश्न2. यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तर: यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो लाइसोसोम फट जाते हैं और लाइसोसोम से निकले एंजाइम अपनी ही कोशिकाओं को पाचित कर लेते हैं।
प्रश्न3. लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं?
उत्तर: जब कोई कोशिका क्षतिग्रस्त हो जाती है या मर जाती है तब लाइसोसोम उस कोशिका के समीप फटकर अपने एंजाइम उस कोशिका पर छोड़ देते हैं। यह एंजाइम काफी शक्तिशाली होते हैं जो कार्बनिक पदार्थों को तोड़ने में भी सक्षम होते हैं। इसलिए यह एंजाइम उस कोशिका को पाचित कर देते हैं। इस प्रक्रिया में लाइसोसोम फटकर, एंजाइम को बाहर निकालता है। इसलिए लाइसोसोम को आत्मघाती थैली कहा जाता है।
प्रश्न4. कोशिका के अंदर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर: माइकोकॉन्ड्रिया में।
अभ्यास के प्रश्न और उत्तर
प्रश्न1. पादप कोशिकाओं तथा जंतु कोशिकाओं में तुलना करो।
उत्तर:
पादप कोशिका | जंतु कोशिका |
१. क्लोरोप्लास्ट होते हैं। | १. क्लोरोप्लास्ट नहीं होते। |
२. प्रकाश संश्लेषण करने में सक्षम होती है। | २. प्रकाश संश्लेषण करने में सक्षम नहीं होती। |
३. राजधानियां बड़ी होती है। | ३. राजधानियां छोटी होती है। |
४. पादप कोशिका में कोशिका भित्ति होती है। | ४. जंतु कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं होती। |
५. अधिकतर कोशिका अंगक झिल्ली युक्त होते हैं। | ५. कोई भी कोशिका अंगक झिल्ली युक्त नहीं होता। |
प्रश्न2. प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं यूकैरियोटिक कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती है?
उत्तर:
प्रोकैरियोटिक कोशिका | यूकैरियोटिक कोशिका |
१. झिल्लीयुक्त अंगक नहीं होते। | १. झिल्लीयुक्त अंगक होते हैं। |
२. केंद्रक झिल्ली नहीं होती। | २. केंद्रक झिल्ली होती है। |
३. क्लोरोफिल झिल्लीदार पुटिका में उपस्थित होता है। | ३. क्लोरोफिल प्लेस्टेड में उपस्थित होता है। |
४. द्रव्य अंगक नहीं होते हैं। | ४. द्रव्य अंगक होते हैं। |
५. आकार में छोटी होती है। | ५. आकार में बड़ी होती है। |
प्रश्न3. यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?
उत्तर: प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अंदर अथवा बाहर आने जाने देती है और यह पदार्थों की गति को भी रोकती है। यह विसरण प्रक्रिया में भी सहायक होती है। यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए तो कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाएगी।
प्रश्न4. यदि गॉल्जी उपकरण ना हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर: यदि गॉल्जी अप करना हो तो कोशिका में बने पदार्थों का संचयन, रूपांतरण तथा पैकेजिंग संभव नहीं हो पाएगी।
प्रश्न5. कोशिका का कौन-सा अंग बिजलीघर है? और क्यों?
उत्तर: माइटोकॉन्ड्रिया ‘कोशिका का बिजलीघर’ है क्योंकि जीवन के लिए आवश्यक विभिन्न रासायनिक क्रियाओं को करने विभाजन की आवश्यकता होती के लिए माइटोकॉन्ड्रिया ATP (एडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में ऊर्जा प्रदान करते हैं।
प्रश्न6. कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है?
उत्तर: खुरदरी अंतर्द्रवीय जालिका (RER) पर स्थित रैबोसोम्स प्रोटीन का तथा चिकनी अंतर्द्रीय जालिका (SER) लिपिड का संश्लेषण करती है।
प्रश्न7. अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है?
उत्तर: अमीबा अपना भोजन ग्रहण करने के लिए राजधानियों का उपयोग करता है। अमीबा एंडोसटोसिस (Endocytosis) द्वारा भोजन ग्रहण करता है। प्लैज़्मा झिल्ली अंदर की ओर मुड़कर कप के आकार का गड्ढा बना लेती है जिसमें भोजन प्रविष्ट हो जाता है। इसके बाद यह भोजनधानी का रूप ले लेती है।
प्रश्न8. परासरण क्या है?
उत्तर: परासरण एक विशिष्ट विधि है जिसके द्वारा जल के अणु वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली द्वारा उच्च जल की सांद्रता से निम्न जल की सांद्रता की ओर जाते हैं।
प्रश्न9. निम्नलिखित परासरण प्रयोग करें-
छिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप ‘A’ को खाली रखो,
(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो,
(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो।
आलू के इन चारों कपों को दो घंटे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों का उत्तर दो :
(i) ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया? इसका वर्णन करो।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ? इसका वर्णन करो।
उत्तर: (i) कप ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल इसलिए एकत्र होता है क्योंकि परासरण तथा जल कप B तथा C के अंदर चला जाता है।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इनमें कोई परिवर्तन नहीं होता।
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र नहीं हुआ क्योंकि इसमें बाह्य जल की सांद्रता तथा कोशिका के अंदर के जल की सांद्रता समान है। अतः कोशिका झिल्ली से कोई शुद्ध गति नहीं होगी।
प्रश्न10. कायिक वृद्धि तथा मरम्मत हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताएं?
उत्तर: कायिक वृद्धि और मरम्मत के लिए सूत्री विभाजन या माइटोसिस की आवश्यकता होती है। कोशिका विभाजन की प्रक्रिया जिसमें अधिकतर कोशिकाएं मृत एवं विभाजित होती है उससे सूत्री विभाजन कहा जाता है। सूत्री विभाजन के फलस्वरूप प्रत्येक कोशिका विभाजित होकर दो समरूप संतति कोशिकाएं बनाती है जिससे कायिक कोशिकाओं का निर्माण होता है। और अंत में जिससे वृद्धि और मरम्मत के लिए अतिरिक्त कोशिकाएँ मिलती रहती हैं।
प्रश्न11. युग्मकों के बनने के लिए किस प्रकार का कोशिका विभाजन होता है? इस विभाजन का महत्व बताएँ।
उत्तर: युग्मकों के बनने के लिए अर्धसूत्रण विभाजन या मीओसिस होता है। अर्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप जब कोशिका विभाजित होती है। तो इससे दो की जगह चार नई कोशिकाएं बनते हैं। कोशिकाओं में क्रोमोसोम की संख्या आधी हो जाती है। बाद में जब युग्मकों के फ्यूजन से जाइगोट बनता है तो जाइगोट में क्रोमोसोम की संख्या कायिक कोशिका के बराबर हो जाती है। इसलिए जाइगोट से विकसित होने वाले जीव के लक्षण अपने जनक के समान होते हैं।
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