Chapter – 4 साँवले सपनों की याद प्रश्न और उत्तर Class 9

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 4: “साँवले सपनों की याद” (Saawle Sapno ki Yaad) are an integral part of the NCERT curriculum for Class 9 Hindi. This chapter delves into the nostalgia of cherished dreams and reminiscences of the past. The solutions offer comprehensive explanations, helping students understand the content, themes, and answer questions effectively. Through these solutions, students gain a deeper insight into the emotions and experiences portrayed in the chapter. Accessible from official NCERT textbooks or the website, these solutions aid in homework completion, exam preparation, and foster a deeper appreciation for Hindi literature.

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 4 Sawle sapno ki yaad Questions and Answers

प्रश्न1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?

उत्तर. बचपन में सालिम अली को मामा द्वारा दी हुई एयर गन से एक नीले कंठ की गौरेया घायल होकर गिर पड़ी थी। इस घटना ने उनके जीवन की दिशा बदल दी और वह गौरैया मानो उन्हें खोज के नए-नए रास्तों की ओर ले जाती रही।

प्रश्न2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?

उत्तर. केरल में स्थित साइलेंट वैली भारत का एक मात्र वर्षा वन है जहाँ वन्य जीवन प्रचुर मात्रा में है। कुछ सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु सरकारी कदमों से उसे खतरा पैदा हो गया था। सालिम अली ने तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मुलाकात कर उसे व्यापक विनाश का चित्र खींचते हुए बताया होगा कि यदि उसे नहीं बचाया गया तो वन्य पशु-पक्षियों और वनस्पतियों की अनेक प्रजातियां सदा के लिए नष्ट हो जाएंगी। आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें देख भी नहीं पाएंगी। धीरे-धीरे केरल का हरा-भरा प्रदेश थार का रेगिस्तान बन जाएगा। इस प्रकार सालिम अली की बातें सुनकर उनकी आँखें नम हो गई ।

प्रश्न3. लॉरेस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि “मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?

उत्तर. लॉरेस खुले दिल का और सादगी पसंद आदमी था। उसमें कुछ भी छिपा नहीं था लारेंस की पत्नी फ्रीडा जानती थी की लारेंस को गौरैया से बहुत प्रेम था। वे अपना काफी समय गौरैया के साथ बिताते थे। इसलिए गौरैया जैसे पक्षी भी उनके बारे में सब कुछ जानते होंगे। यही फ्रीड़ा का आशय था।

प्रश्न4. आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा।
(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे थे।

उत्तर. (क) प्रस्तुत पंक्ति में सालिम अली के प्रकृति-प्रेम के विषय में बताया गया है। जिस प्रकार अंग्रेजी के प्रसिद्ध उपन्यासकार डी.एच.लॉरेंस का प्रकृति से गहरा लगाव था और उनका मानना था कि हमें प्रकृति की ओर लौटना चाहिए ठीक उसी प्रकार सालिम अली भी। प्रकृति से गहरा लगाव रखते थे। उन्होंने प्रकृति संबंधी अनेक नए रास्तों को खोजा। यही कारण है कि वे लॉरेंस की तरह स्वाभाविक जीवन का प्रतिरूप बन गए थे।

(ख) प्रस्तुत पंक्ति का अभिप्राय है कि जिस तरह कोई वन-पक्षी अपना अंतिम गीत गाकर मर जाता है और प्रकृति में विलीन हो जाता है, उसे शरीर की गर्मी और हृदय की धड़कन देकर भी जीवित नहीं किया जा सकता है, उसी तरह सालिम अली भी अपने जीवन के लंबे सफर के बाद अपने सभी सपनों को छोड़कर इस संसार से विदा हो गए। उन्हें किसी भी तरह से दुबारा जीवित करना संभव नहीं है।

(ग) प्रस्तुत पंक्ति का आशय है कि सालिम अली ने अपने भ्रमणशील स्वभाव के कारण प्रकृति और प्राणी जगत को बहुत ही बारीकी से जाना और समझा था। उनका अनुभव एक टापू की भाँति सीमित और दिखावा न बनकर समुद्र के समान गहराई को लिए हुए था।

प्रश्न 5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।

उत्तर. ‘साँवले सपनों की याद’ पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  1. उन्होंने हिंदी के साथ-साथ उर्दू के शब्दों का अत्यधिक प्रयोग किया है।
  2. बर्ड वाचर, साइलेंट वैली जैसे अंग्रेजी शब्दों का प्रसंगानुसार प्रयोग किया है।
  3. भाषा वेगवती नदी के तरह बहती हुई प्रतीत होती है।
  4. भावाभिव्यक्ति की शैली दिल को छूती है।

प्रश्न 6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर. सालिम अली सच्चे प्रकृति प्रेमी थे। चिड़ियों से उन्हें विशेष लगाव था। वे सदा एक दूरबीन लेकर पक्षियों को देखने, उनके रहन-सहन, स्वभाव आदि पर खोज करने निकल पड़ते थे और कुछ न कुछ खोजकर ही लौटते थे। जंगलों, पहाड़ों, झरनों को वे उन्हीं की नजर से देखते थे। पक्षियों का मधुर संगीत सुनकर अपने भीतर रोमांच का सोता फूटता महसूस करते थे। बचपन में उनकी एअर गन से एक गौरैया घायल होकर गिर पड़ी थी। तब से वे स्वयं गौरेया की तरह वनों-पहाड़ों में घूमते फिरे। उन्होंने अपनी आत्मकथा का नाम भी गौरैया पर ही रखा- ‘फॉल ऑफ अ स्पैरों’ उन जैसा बर्ड वाचर शायद ही कोई हुआ हो। दूर क्षितिज तक फैली जमीन और झुके आसमान को छूने वाली उनकी नजरों में कुछ-कुछ वैसा ही जादू था जो प्रकृति को अपने घेरे में बाँध लेता है।

प्रश्न7.’साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर. “साँवले सपनो की याद” एक अदभुत शीर्षक है । यह शीर्षक उपयुक्त है। इसे पढकर पाठक को अलग सा अहसास हो जाता है । जैसे कोनसे सपने ? कैसे सपने ? तथा किसके सपने ? आदि । सालिम अली वस्तुतः सपना ही थे- ऐसा व्यक्ति जिसमें सपनों को खोजने की ललक थी। सालिम के संदर्भ में लेखक ने एक और साँवले का संदर्भ दिया है आज भी वृंदावन में कृष्ण चरित्र को याद किया जाता है। यमुना का साँवला पानी उनकी याद दिलाता है। सालिम अली भी वैसे ही मिथक बन गए हैं। उनकी याद साँवला सपनों की याद ही है।

रचना और अभिव्यक्ति 

8. प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?

उत्तर.

पर्यावरण को बचाने के लिए हम निम्नलिखित तरीकों से योगदान कर सकते हैं:

  1. जल संरक्षण: पानी का बचाव करने के लिए अपने घर और कार्यस्थल पर संवेदनशीलता बढ़ाएं। बर्शत का पानी संचित करने के लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग प्रणालियों का उपयोग करें।
  2. वनस्पति का संरक्षण: पेड़-पौधों के संरक्षण के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रमों में भाग लें और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए संरक्षित क्षेत्रों का समर्थन करें।
  3. ऊर्जा की बचत: ऊर्जा की बचत के लिए LED प्रकार की प्रक्षिप्त बल्ब्स और ऊर्जा संवेदनशील उपकरणों का उपयोग करें। अपने घर को अधिक ऊर्जा संवेदनशील बनाने के लिए तब्दीलियों को अपनाएं।
  4. कचरा प्रबंधन: कचरे को सही तरीके से प्रबंधित करें। पुनर्चक्रण कार्यक्रमों का समर्थन करें और कचरे को फिर से उपयोगी रूप से पुनर्चक्रण करने के लिए योगदान करें।
  5. जलवायु परिवर्तन से संबंधित जागरूकता: जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट के बारे में जागरूकता बढ़ाएं और उसका समर्थन करें। सार्वजनिक परिवहन के बजाय साइकलिंग और अच्छी यातायात व्यवस्था के प्रति समर्थन दें।
  6. अद्भुत विचारों का समर्थन: पर्यावरण के लिए उपयोगी और नए तरीकों को समर्थन दें, जैसे कि नई सदाबहार ऊर्जा स्रोत, हरित परिवहन, और वृक्षारोपण कार्यक्रम।
  7. स्वच्छता अभियानों का समर्थन: स्वच्छता अभियानों और प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ काम करने का समर्थन करें।
  8. शिक्षा और जागरूकता फैलाना: लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में शिक्षित करने और जागरूक करने के लिए योगदान करें, खासकर बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने में मदद करें।
  1. संगठना और सहयोग: स्थानीय पर्यावरण संगठनों और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर पर्यावरण के मुद्दों पर काम करें।
  2. आत्म-संज्ञान और सदय से जीना: खुद को और अपने आस-पास के पर्यावरण को समझें और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए सदय से जीने का प्रयास करें।

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