गुरुत्वाकर्षण प्रश्न और उत्तर कक्षा 9

NCERT Solutions for Class 9 Science in Hindi Medium Chapter 9 – Gurutvakarshan

NCERT Solutions for Class 9 Science Hindi Medium Chapter-9 Gurutvakarshan Questions and Answers

पेज : 149

प्रश्न1. गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए। 

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक : दो वस्तुओं के बीच लगने वाला बल, दोनों वस्तुओं के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।

प्रश्न2. पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।

पेज : 151

प्रश्न1. मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं? 

उत्तर: जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गुरुत्वीय आकर्षण के प्रभाव के कारण गतिशील हो। इसे हम कहते हैं कि वस्तुएँ मुक्त पतन में हैं।

प्रश्न2. गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के परिणाम में परिवर्तन होता है। वेग में यह परिवर्तन त्वरण उत्पन्न करता है। यह त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण है, इसलिए, इसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं।

पेज : 152

प्रश्न1. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?

उत्तर: द्रव्यमान
१. यह किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा होती है।
२. किसी वस्तु का द्रव्यमान उसके जड़त्व की माप होता है।
३. यह स्थान के अनुसार नहीं बदलता।
४. इसमें केवल परिमाण होता है।
५. इसका SI मात्रक किलोग्राम (kg) होता है।

भार
१. किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे यह पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है।
२. वस्तु का भार उसके गुरुत्व की माप होता है।
३. यह स्थान के अनुसार बदलता रहता है।
४. इसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं।
५. इसका SI मात्रक वही है जो बल का है, अर्थात् न्यूटन (N)।

प्रश्न2. किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा क्यों होता है?

उत्तर: चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार वह बल है जिससे चंद्रमा उस वस्तु को आकर्षित करता है। चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 1/100 है और त्रिज्या एक चौथाई। परिणामस्वरूप, पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा पर गुरुत्वाकर्षण बल 1/6 होता है। यही कारण है कि किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा होता है।

पेज : 157

प्रश्न1. एक पतली तथा मज़बूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से बैग को उठाना कठिन होता है, क्यों?

उत्तर: क्योंकि पतली डोरी का पट्टा हमारे हाथ पर अधिक बल लगाता है, क्योंकि दबाव उस सतह क्षेत्र पर विपरीत रूप से आनुपातिक होता है, जिस पर बल कार्य करता है। इसलिए हमें बैग को उठाने में कठिनाई होती है।

प्रश्न2. उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: किसी तरल में डुबाने पर तरल द्वारा वस्तु पर ऊपर की ओर लगने वाले बल को उत्पलावन बल तथा इस क्रिया को उत्पलावकता कहा जाता है।

प्रश्न3. पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?

उत्तर: (i) द्रव (पानी) के घनत्व से कम घनत्व की वस्तुएँ द्रव (पानी) पर तैरती हैं।

(ii) द्रव (पानी) के घनत्व से अधिक घनत्व की वस्तुएँ द्रव (पानी) में डूब जाती हैं।

पेज : 158

प्रश्न1. एक तुला (weighing machine) पर आप अपना द्रव्यमान 42 kg नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 kg से अधिक है या कम्?

उत्तर: हमारा द्रव्यमान 42 kg से अधिक है। क्योंकि जब हम किसी तुला पर अपने शरीर के वजन को तोलते है। तब, हमारे शरीर पर वायु द्वारा अपर की दिशा की तरफ लगने वाले उत्प्लावन बल के कारण तुला में हमारा वजन वास्तविक वजन से कुछ कम होता है।

प्रश्न2. आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 kg द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन-सा भारी है और क्यों?

उत्तर: रुई का बोरा लोहे की छड़ से भारी है क्योंकि रुई का बोरा वायु द्वारा लगाए गए प्रणोद को लोहे की छड़ पर लगे प्रणोद से अधिक अनुभव करता है। इस प्रकार तुला रुई के बोरे का द्रव्यमान, वास्तविक द्रव्यमान से कम दर्शाती है।

अभ्यास 

प्रश्न1. यदि दो वस्तुओं के मध्य की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार परिवर्तित होगा?

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, दो वस्तुओं के बीच आकर्षण बल:

प्रश्न2. सभी वस्तुओं पर लगने वाला गुरुत्वीय बल उनके द्रव्यमान के समानुपाती होता है। फिर एक भारी वस्तु हलकी वस्तु के मुकाबले तेजी से क्यों नहीं गिरती?

उत्तर: यदि ‘m’ द्रव्यमान की वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल है “F” :

इससे स्पष्ट है कि (बल) Fm (द्रव्यमान) परंतु, g, m पर निर्भर नहीं हैं। अतः सभी वस्तुएँ समान गति से गिरती हैं, जब उन पर कोई वायु की प्रतिरोधकता न हो।

प्रश्न3. पृथ्वी तथा उसके पृष्ठ पर रखी किसी 1 kg की वस्तु के मध्य गुरुत्वीय बल का परिमाण क्या होगा? (पृथ्वी का द्रव्यमान 6 x 1024 kg है तथा पृथ्वी की त्रिज्या 6.4 x 108 m हैं )।

उत्तर: यहाँ, वस्तु का द्रव्यमान, (m) = 1 kg

पृथ्वी का द्रव्यमान, (M) = 6 x 1024 kg 

पृथ्वी की त्रिज्या (R) = 6.4 x 106 kg 

1kg की वस्तु तथा पृथ्वी के बीच गुरुत्वीय बल का परिमाण

प्रश्न4. पृथ्वी तथा चंद्रमा एक-दूसरे को गुरुत्वीय बल से आकर्षित करते हैं। क्या पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है। वह बल, उस बल से जिससे चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है बड़ा हैं या छोटा है या बराबर है? बताइए क्यों?

उत्तर: न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार, पृथ्वी जिस बल से चंद्रमा को आकर्षित करती है, चंद्रमा भी उसी बल से पृथ्वी को आकर्षित करता है। ये बल समान तथा विपरीत होते हैं।

प्रश्न5. यदि चंद्रमा पृथ्वी को आकर्षित करता है, तो पृथ्वी चंद्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती?

उत्तर: चंद्रमा भी पृथ्वी को उसी बल से आकर्षित करता है जिस बल से पृथ्वी चंद्रमा को। क्योंकि ये बल समान तथा विपरीत हैं और पृथ्वी, चंद्रमा से भारी है। अतः पृथ्वी में उत्पन्न त्वरण सूचित करने योग्य नहीं है।

प्रश्न6. दो वस्तुओं के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का क्या होगा, यदि

(i) एक वस्तु का द्रव्यमान दोगुना कर दिया जाए? (ii) वस्तुओं के मध्य की दूरी दोगुनी अथवा तीन गुनी कर दी जाए?

(iii) दोनों वस्तुओं के द्रव्यमान दोगुने कर दिए जाएँ?

उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल,

प्रश्न7. गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व हैं? 

उत्तर: (i) हमें पृथ्वी से बाँधे रखने वाला बल 

(ii) पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की 

(iii) सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति

(iv) चंद्रमा तथा सूर्य के कारण ज्वार भाटा। 

प्रश्न8. मुक्त पतन का त्वरण क्या है?

उत्तर: मुक्त पतन वह त्वरण है जो किसी वस्तु के पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के कारण नीचे गिरने से उत्पन्न होता है। पृथ्वी की सतह के निकट इसका मान 9.8ms 2 है। 

प्रश्न9. पृथ्वी एवं किसी वस्तु के मध्य गुरुत्वीय बल को हम क्या कहेंगे?

उत्तर: पृथ्वी तथा किसी वस्तु के बीच के गुरुत्वीय बल को वस्तु का भार कहा जाता है।

प्रश्न10. एक व्यक्ति A अपने एक मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट होगा? यदि नहीं, तो क्यों? ( संकेतः ध्रुवों पर g का मान विषुवत वृत्त की अपेक्षा अधिक है।)

उत्तर: नहीं, g का मान ध्रुवों की अपेक्षा विषुवत वृत्त पर कम है। अतः ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोने का भार विषुवत वृत्त पर कम होगा। अतः मित्र खरीदे हुए सोने के भार से संतुष्ट नहीं होगा।

प्रश्न11. एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मरोड़ कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?

उत्तर: कागज़ की शीट उसी प्रकार की गेंद की अपेक्षा अपने अधिक पृष्ठ क्षेत्रफल के कारण अधिक वायु का अधिक प्रतिरोध अनुभव करती है। अतः कागज़ की शीट उसी प्रकार की शीट को मरोड़कर बनाई गेंद से धीमी गिरती है।

प्रश्न12. चंद्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुणा है। एक 10 kg की वस्तु का चंद्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार क्या होगा?

उत्तर: चंद्रमा पर वस्तु का द्रव्यमान = 6 kg 

पृथ्वी पर वस्तु का द्रव्यमान = 6 kg

वस्तु का पृथ्वी पर भार = mg = 10 × 9.8 = 98 N

वस्तु का चंद्रमा पर भार = 1/6 x 98 = 16.3N

प्रश्न13. एक गेंद ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 49m/s के वेग से फेंकी जाती है। परिकलन कीजिए:

(i) अधिकतम ऊँचाई जहाँ तक कि गेंद पहुँचती है। 

(ii) पृथ्वी की सतह पर वापस लौटने में लिया गया कुल समय।

उत्तर: कार्टिसियन साईन कैन्वेंशन (Cartesian Sign Con-vention) में, ऊपर की ओर वेग को धनात्मक तथा गुरुत्वीय त्वरण को ऋणात्मक माना गया है।

(i) u = +49 m/s, g = -9.8ms-2 

अधिकतम ऊँचाई पर, v = 0 

जैसा कि v2-u2 = 2gs ⇒ 02 – 492 = 2 (-9.8) x s

(ii) पत्थर द्वारा अधिकतम ऊँचाई तक पहुँचने में लिया गया समय ‘t’ है।

जैसा कि

⇒ v = u + at 

⇒ 0 = 49 – 9.8 x t 

⇒ t = 49/9.8 = 5s

ऊपर जाने का समय= नीचे आने का समय 

पत्थर द्वारा पृथ्वी की सतह पर वापिस लौटने में लिया गया समय = 2t = 2 x 5 =10s

प्रश्न14. 19.6m ऊँची एक मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले इसका अंतिम वेग ज्ञात कीजिए।

उत्तर: यहाँ, u = 0, g = -9.8ms-2, s = -19.6 m 

जैसा कि, v2 – u2 = 2gs

⇒ v2– 02 = 2x (-9.8) x (-19.6)

⇒ v2= (19.6)2

⇒ v = -19.6 m/s

ऋणात्मक चिह्न यह दर्शाता है कि वेग की दिशा नीचे की ओर है।

प्रश्न15. कोई पत्थर ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर 40m/s के प्रारंभिक वेग से फेंका गया है। g = 10ms-2 लेते हुए पत्थर द्वारा पहुँची अधिकतम ऊँचाई ज्ञात कीजिए। नेट विस्थापन तथा पत्थर द्वारा चली गई कुल दूरी कितनी होगी?

उत्तर: यहाँ, u = 40m/s, g = 10ms-2 

अधिकतम ऊँचाई. h पर अंतिम वेग

v = 0 

⇒v2 – u2 = 2gs⇒ 02 – 402 = 2 × (-10) h

कुल तय की गई दूरी = h + h = 80 + 80 = 160m 

नेट विस्थापन = 80-80 = 0m

प्रश्न16, पृथ्वी एवं सूर्य के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान 6×1024kg तथा सूर्य का द्रव्यमान = 2 x 1030 kg। दोनों के मध्य औसत दूरी 1.5 x 1011 m है।

उत्तर: Me = 6 x 1024 kg, Ms = 2 x 1030, r = 1.5 x 1011

प्रश्न17. कोई पत्थर 100m ऊँची किसी मीनार की चोटी से गिराया गया और उसी समय कोई दूसरा पत्थर 25 m/s के वेग से ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका गया। परिकलन कीजिए कि दोनों पत्थर कब और कहाँ मिलेंगे।

उत्तर: माना कि दोनों पत्थर ‘t’ समय के पश्चात ऊँचाई ‘x’ पर मिलेंगे। 

पत्थर ‘A’ की (नीचे) की ओर गति के लिए u = 0, g = -10ms-2, s = ( – 100 – x)

हम जानते हैं कि

⇒ – (100-x) = 0 – 1/2 x 10 x t2   …..(1)

पत्थर ‘B’ की (ऊपर) की ओर गति के लिए 

u = +25 m/s

g = – 10ms-2, s = + x

जैसा कि,

⇒ +x = 25t – 1/2 x10t2  ….. (2)

(2) में से (1) घटाने पर, 

⇒ 100 = 25t 

⇒ t = 4s या

(2) से,

⇒ x = 25 x 4 – ½  x 10 x (4)2

= 100 – 80 = 20m. 

अत: दोनों पत्थर 4 s के पश्चात् पृथ्वी से 20m की ऊँचाई पर मिलेंगे।

प्रश्न18. ऊर्ध्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंकी गई एक गेंद 6s पश्चात् फेंकने वाले के पास लौट आती है। ज्ञात कीजिए

(a) यह किस वेग से ऊपर फेंकी गई;

(b) गेंद द्वारा पहुँची गई अधिकतम ऊँचाई; तथा 

(c) 4 s पश्चात् गेंद की स्थिति।

उत्तर: ऊपर जाने का समय = नीचे की ओर आने का समय

= 6/2 = 3s

(a) गेंद की ऊपर की ओर गति के लिए, v = 0, t = 3s, g = – 9.8ms-2

जैसा कि

⇒ v = u + gt

⇒ 0 = u – 9.8 x 3

⇒ u = 9.8 x 3 = 29.4m/s,

(b) ऊँचाई,

⇒ s = ut + ½ gt2

= 29.4 x 3 – ½ x 9.8 x 32 

= 88.2 – 44.1

= 44.1m

(c) गेंद की स्थिति 4s के बाद दी गई

⇒ 29.4 × 4 – ½ x 9.8 x 42

= 117.6 – 78.4 = 39.2 

गेंद धरती से 39.2m की ऊँचाई पर है या 4.9 ऊपर से

प्रश्न19. किसी द्रव में डुबोई गई वस्तु पर उत्प्लावन बल किस दिशा में कार्य करता है?

उत्तर: वस्तु पर उत्प्लावन बल विस्थापित द्रव के गुरुत्वीय केंद्र में से ऊर्ध्वाधर ऊपर की दिशा में लगता है। इस गुरुत्वीय केंद्र को उत्प्लावन केंद्र कहते हैं।

प्रश्न20. पानी के भीतर किसी प्लास्टिक के गुटके को छोड़ने पर यह पानी की पृष्ठ पर क्यों आ जाता है?

उत्तर: प्लास्टिक का गुटका उत्प्लावन बल के कारण पानी की सतह पर आ जाता है।

प्रश्न21. 50g के किसी पदार्थ का आयतन 20cm 3 है। यदि पानी का घनत्व 1 gem हो, तो पदार्थ तैरेगा या डूबेगा?

उत्तर: पदार्थ का द्रव्यमान = 50g 

पदार्थ का आयतन = 20cm3

पानी का घनत्व = 1gcm-3 

अतः पदार्थ का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक है, इसलिए पदार्थ पानी में डूबेगा।

प्रश्न22. 500g के एक मोहरबंद पैकेट का आयतन 350 cm3 है। पैकेट 1gcm-3 घनत्व वाले पानी में तैरेगा या डूबेगा? इस पैकेट द्वारा विस्थापित पानी का द्रव्यमान कितना होगा?

उत्तर: पैकेट का द्रव्यमान = 500g

पैकेट का आयतन = 350 cm3

मोहरबंद पैकेट का घनत्व (1.43g cm-3) पानी के घनत्व से (1g cm-3) अधिक है। अतः पैकट डूबेगा।

Leave a Reply