चुनावी राजनीति प्रश्न और उत्तर Class 9

Chunavi Rajniti Questions and Answers Class 9

(अभ्यास के प्रश्न– उत्तर)

प्र०१. चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन–सा वाक्य ठीक नहीं है?
क. चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
ख. लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
ग. चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
घ. लोग चुनाव से अपनी पसंद की नीतियां बना सकते हैं।

उत्तर– चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं, यह वाक्य ठीक नहीं है। बाकी सारे वाक्य ठीक है।

प्र०२. भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें कौन– सा वाक्य सही कारण नहीं देता?
क. भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं।
ख. भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
ग. भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
घ. भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियां जनादेश स्वीकार कर लेती है।

उत्तर– भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता है, यह वाक्य सही नहीं है।

प्र०३. निम्नलिखित में मेल ढूंढे:

क. समय-समय पर मतदाता सूची का नवीकरण आवश्यक है ताकि१. समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
ख. कुछ निर्वाचन –क्षेत्र अनुजाति और अनुजनजाति के लिए आरक्षित है ताकि२. हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का समान अवसर मिले।
ग. प्रत्येक को सिर्फ एक वोट डालने का हक है ताकि३. हर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने का समान अवसर मिले।
घ. सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है क्योंकि४. संभव है कुछ लोग उस जगह से अलग चले गए हो जहां उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।

उत्तर–
क. समय-समय पर मतदाता सूची का नवीकरण आवश्यक है ताकि 4. संभव है कुछ लोग उस जगह से अलग चले गए हो जहां उन्होंने पिछले चुनाव में मतदान किया था।
ख. कुछ निर्वाचन– क्षेत्र अनुजाति और अनुजनजाति के लिए आरक्षित है ताकि समाज के हर तबके का समुचित प्रतिनिधित्व हो सके।
ग. प्रत्येक को सिर्फ एक वोट डालने का हक है ताकि हर एक को अपना प्रतिनिधि चुनने का समान अवसर मिले।
घ. सत्ताधारी दल को सरकारी वाहन के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है क्योंकि हर उम्मीदवार को चुनाव लड़ने का समान अवसर मिले।

प्र०४. इस अध्याय में वर्णित चुनाव संबंधी सभी गतिविधियों की सूची बनाएं और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएं इनमें से कुछ मामले हैं:
चुनाव घोषणा पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पूर्णमतदान के आदेश, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना।

उत्तर– १. चुनाव क्षेत्र निश्चित करना
२. मतदाता सूची तैयार करना
३. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
४. चुनाव घोषणा –पत्र जारी करना
५. नामांकन पत्र दाखिल करना
६. नाम की वापसी
७. जांच और पड़ताल
८. चुनाव प्रचार
९. मतदान
१०. चुनाव परिणाम की घोषणा
११. चुनाव खर्च का ब्यौरा
१२. निर्वाचन के विरुद्ध प्रार्थना।

प्र०५. सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी है। चुनाव के इन चरणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।
क. चुनाव प्रचार
ख. मतदान के दिन
ग. मतगणना के दिन

उत्तर– क. सुरेखा को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि चुनाव निष्पक्ष तथा शांतिपूर्ण हो। चुनाव प्रचार में जाति तथा धर्म का प्रयोग न किया जाए। सत्तारूढ़ दल, चुनावों में सरकारी मशीनरी का प्रयोग न करें। भवनों की दीवारों पर चुनाव पोस्टर न लगाए जाए। चुनावों में उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों द्वारा धन तथा अन्य समान (साड़ियां, सिलाई मशीन, शराब आदि)
उनको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कोई उम्मीदवार अथवा कोई अन्य सामाजिक तत्व मतदाताओं को धमकाकर अथवा उन पर दबाव डालकर किसी एक उम्मीदवार के पक्ष में मतदान के लिए मजबूर न करें। चुनावों की घोषणा होने के पश्चात सत्तारूढ़ दल का कोई मंत्री किसी परियोजना की घोषणा अथवा शिलान्यास न करें तथा सार्वजनिक भलाई की किसी अन्य योजना न करें। चुनावों की घोषणा होने के पश्चात सरकारी अधिकारियों के तबादले न किए जाएं। किसी से किसी भी प्रकार की जोर जबरदस्ती ना किया जाए।

ख. वे उस बात का ध्यान रखें कि जब एक मतदाता केंद्र के अंदर दाखिल होता है तो मतदान अधिकारी उसकी पहचान करें, उसकी उंगली पर निशान लगाए तथा नियमों के अनुसार उसे मतदान दे। किसी अनाधिकृत व्यक्ति को मतदान केंद्र के अंदर घुसने तथा अशांति फैलाने से रोकना चाहिए। मतदान केंद्र पर किसी उम्मीदवार अथवा उसके समर्थकों द्वारा फर्जी मतदान अथवा मतदान केंद्र पर कब्ज़ा न किया जाए।

ग. वह उस बात का ध्यान रखें कि मतों की गिनती शांतिपूर्वक ढंग से हो। कोई अनाधिकृत व्यक्ति गिनती केंद्र पर दाखिल न हो। गिनती के पश्चात चयनित अधिकारी द्वारा परिणाम घोषित किए जाएं। गिनती केंद्र पर शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के उचित प्रबंध किए जाएं।

प्र०६. नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनावों के विजय उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे? अगर हां तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों?

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा मेंअमेरिका समाज में
अश्वेत813
हिस्पैनिक513
श्वेत867

उत्तर– मेरे विचार से अश्वेतो और अमेरिकी लोगों को अमेरिकी जनसंख्या में उनके प्रतिशत के अनुसार अमेरिकी कांग्रेस में आरक्षित दिया जाना चाहिए।

प्र०७. क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इनमें से सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए:

क. भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं है।

उत्तर– भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की अनुमतिनहीं है, यह विचार ठीक नहीं हैं। भारत के चुनाव आयोग को स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए संविधान द्वारा पर्याप्त अधिकार दिए गए हैं;
१. चुनाव आयोग को चुनाव से संबंधित सभी अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों पर पूरा नियंत्रण रखता है।
२. सभी चुनावों को अपने चुनाव पर किए गए खर्च की रिपोर्ट चुनाव आयोग को देनी पड़ती है।
३. चुनाव आयोग को चुनावों में सरकारी मशीनरी के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।

ख. हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबरदस्त भागीदारी होती है।

उत्तर– हमारे देश में चुनावों में लोगों की भागीदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है। सन् 1996 में हुए चुनावों में यह 8 प्रतिशत 1998 के चुनावों में 13 प्रतिशत, 1999 के चुनावों में 21 प्रतिशत तथा 2004 में हुए चुनावों में यह 32 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। सात में से एक व्यक्ति किसी– न– किसी राजनीतिक दल का सदस्य है। चुनाव के दौरान अमीर लोग कम और गरीब लोग वोट डालने ज्यादा जाते हैं।

ग. सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान नहीं होता है।

उत्तर– सत्ताधारी दल के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होता। सत्ता में रहते हुए कोई भी दल नागरिकों को सभी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकता और जिन मतदाताओं की मांगे पूरी नहीं होती, वे सरकार के विरोधी बल जाते हैं। सन् 2004 में केंद्र में एन. डी. ए. की सरकार तथा हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला की सरकारों की पराजय इसके स्पष्ट उदाहरण है। भारत में चुनाव स्वतंत्र तथा निष्पक्ष है।

घ. अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने जरूरी है।

उत्तर– हां, हम इस कथन से सहमत हैं चुनावों को स्वतंत्र तथा निष्पक्ष बनाने के लिए कुछ कदम उठाने जरूरी हैं। वह यह है–

१. चुनावों में धन की भूमिका को कम करने के लिए चुनावों का खर्च सरकार द्वारा किया जाना चाहिए।
२. मंत्रियों द्वारा सरकारी मशीनरी के प्रयोग पर सख्त पाबंदी लगानी चाहिए।
३. चुनाव केंद्रों पर कब्जा करने तथा फर्जी मतदान को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
४. चुनावों में धर्म तथा जाति का प्रयोग करने वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोक देना चाहिए।
५. अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकना चाहिए।

प्र०८. चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतबीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यह फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ जाता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।

उत्तर– नहीं! न्यायालय द्वारा लिया गया निर्णय लोकतांत्रिक चुनावों के सिद्धांतों के विरोध में नहीं है। दोनों को पालन न करने पर न्यायालय द्वारा दंडित किया जा चुका है और चूंकि कानून दंडित अपराधियों को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं देता। न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय गलत नहीं बिल्कुल सही है। किसी भी अपराधी को समाज का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए।

प्र०९. यहां दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई है। क्या ये देश अपने यहां के चुनावों में सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे:

क. नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जानबूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे जीता हुआ घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले 5 लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।

उत्तर– यदि चुनाव अधिकारी द्वारा की गई धांधली न्यायालय में साबित हो जाती है तो उसे चुनाव को अवैध घोषित कर देना चाहिए और उस चुनाव क्षेत्र में दोबारा चुनाव कराया जाए। ऐसी अवैध कार्यवाही करने वाले चुनाव अधिकारी को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
भारत में ऐसा संभव है क्योंकि मतों की गिनती के दौरान सभी उम्मीदवार अथवा उनके प्रतिनिधि गिनती केंद्र पर मौजूद रहते हैं और गिनती उनके सामने होती है।

ख. फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक पर्चा बांटा गया जिसमें धमकी दी गई थी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून– खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय मूल के मतदाताओं को दी गई थी।

उत्तर– ऐसा पोस्टर निकालना निश्चित रूप से चुनावी कदाचार है। ऐसे पोस्टर चुनाव आचार संहिता का निश्चित रूप से उल्लंघन है। इसे जारी करने वाले व्यक्ति अथवा राजनीतिक दल का पता लगाना चाहिए और उसे दंड देना चाहिए। क्योंकि यह लोकतंत्र के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। भारत में इस प्रकार की कोई भी धमकी नहीं दी जाती है, क्योंकि लोग अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाते हैं। वह धमकी के पर्ची को अपने आवाज के साथ उठाते हैं, उसे दबाते नहीं है।

ग. अमेरिका के हर प्रांत में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियां है। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रांत के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।

उत्तर– चूंकि, संयुक्त –राज्य अमेरिका के प्रत्येक राज्य को अपने चुनाव संबंधी कानून बनाने का अधिकार है, फ्लोरिडा राज्य द्वारा लिया गया निर्णय उस राज्य के चुनाव के कानूनों के अनुकूल होगा। यदि ऐसा है तो किसी को भी ऐसे निर्णय को चुनौती देने का अधिकार नहीं होता।
भारत चूंकि राज्यों को अपने अलग चुनाव– संबंधी कानून बनाने का अधिकारी नहीं है, यहां पर ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं हो सकती।

प्र०१०. भारत में चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित कुछ रिपोर्ट यहां दी गई है। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए। इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?

क. चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।

उत्तर– चुनावों की घोषणा होते ही सहिंता लागू हो जाती है। आचार संहिता के अनुसार, जिसे सभी राजनीतिक दलों ने स्वीकार किया हुआ है, चुनावों की घोषणा होने के पश्चात कोई मंत्री किसी नई परियोजना को मंजूरी नहीं दे सकता और न ही कोई शिलान्यास कर सकता है। अत: मंत्री को ऐसा करने से रोकना चाहिए क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है।

ख. विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली।

उत्तर– सभी राजनीतिक दलों को रेडियो तथा दूरदर्शन पर अपने विचार रखने के लिए समय मिलना चाहिए। भारत चुनाव आयोग द्वारा सभी राजनीतिक दलों को समय दिया जाता है। और यह उचित कार्य है सब को यह अवसर मिलना चाहिए।

ग. चुनाव आयोग की जांच से एक राज्य की मतदाता सूची में 20 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।

उत्तर– उस राज्य की मतदाता सूचियां दोबारा ठीक कराई जाए और सभी फर्जी मतदाताओं के नाम सूचियों से निकाल दिए जाएं।

घ. एक राजनीतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदाता में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।

उत्तर– यह भी चुनावों के दौरान कई उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दल द्वारा व्यवहार है। बंदूक तथा अन्य हथियारों के साथ लोगों का घूमना फिरना बंद होना चाहिए। सभी उम्मीदवारों का सरकार द्वारा सुरक्षा प्लस कराई जानी चाहिए और ऐसे प्रबंध किये जाए कि किसी उम्मीदवार अथवा राजनैतिक दल की चुनावी सभा में गड़बड़ी न मचाई जाए।

प्र०११. जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिताजी से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है?

क. औरतें उसी तरह वोट देती है जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको मताधिकार देने का कोई मतलब नहीं है।

उत्तर– यह बात पूरी तरह सत्य नहीं है। हमारे देश में आज ऐसी महिलाओं की संख्या बहुत अधिक है जो अपनी इच्छानुसार स्वतंत्रतापूर्वक मतदान करती है। महिलाओं को मताधिकार से वंचित करना लोकतांत्रिक होगा। इसलिए विश्व के लगभग सभी देशों में महिलाओं को मतदान का अधिकार दिया गया है। महिलाएं अपने पसंद के उम्मीदवार को चुन सकती है।

ख. पार्टी –पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वंदिता नहीं होनी चाहिए।

उत्तर– इसमें संदेह नहीं है दलीय राजनीति समाज में तनाव उत्पन्न करती है, परंतु इसके लिए दूसरा कोई रास्ता नहीं है। वर्तमान राज्यों की जनसंख्या करोड़ों में है और इतने लोगों में किसी सहमति पर पहुंचना बहुत ही कठिन होगा। चुनाव को जीतना और चुनाव हारना लोगों के पक्ष में तय होता है।

ग. सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।

उत्तर– केवल स्नातकों को चुनाव लड़ने का अधिकार देना अलोकतांत्रिक होगा। इसका अर्थ होगा कि देश के अधिकतर लोगों को इस अधिकार से वंचित करना। यदि चुनाव लड़ने के लिए स्नातक होने की शर्त रख दी जाए तो शायद देश के लगभग 90 प्रतिशत लोग इस अधिकार से वंचित हो जाएंगे।
कई पदों अथवा स्थानों के लिए केवल शिक्षा योग्यताएं कोई महत्व नहीं रखती। एक अच्छे क्रिकेट अथवा हॉकी खेलने वाले के लिए यह आवश्यक है कि उसे खेलना अच्छा आता हो न कि उसका स्नातक होना आवश्यक हो। उसे टीम में चुन लिया जाना चाहिए यदि वह खेल अच्छा खेलता है। एक स्नातक के कारण हमें उसके हुनर को दबाना नहीं चाहिए।

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